क्राइमदेश

मणिपुर हिंसा के पीछे विदेशी हाथ! इसके गंभीर मायने हैं, पूर्व सेना प्रमुख ने दी सलाह

पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर (Manipur) में हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं. इस बीच, पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (MM Naravane) ने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों के शामिल होने से इनकार नहीं कर सकते हैं. जनरल (रिटायर्ड) नरवणे ने कहा कि बॉर्डर वाले राज्यों में अस्थिरता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है. इस दौरान पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मणिपुर में कई विद्रोही संगठनों को चीन की तरफ से दी जा रही मदद का भी जिक्र किया.

पूर्व सेना प्रमुख ने जताई विदेशी साजिश की आशंका

पूर्व सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि मुझे यकीन है कि जो लोग सरकार में हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए, उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं, वे अपना बेस्ट दे रहे हैं. मैं कहता हूं कि इसमें न केवल विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि वे निश्चित रूप से इसमें शामिल हैं, खासकर विभिन्न विद्रोही समूहों को मिल रही चीनी मदद. पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि चीन कई साल से इन विद्रोही समूहों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा.

कैसे हैं अब मणिपुर के हालात?

गौरतलब है कि मणिपुर में जमीनी हालात धीरे-धीरे सुधरने लगे हैं. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच सरकार 6 दौर की वार्ता करा चुकी है. मणिपुर में पैरामिलिट्री फोर्स भी बड़ी संख्या में तैनात है. मणिपुर में जनजीवन सामान्य हो रहा है. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. राहत कैंपों में रह रहे लोगों तक भी मदद पहुंचाई जा रही है.

मणिपुर पर सियासत जारी

दूसरी तरफ, मणिपुर हिंसा पर सियासत थम नहीं रही है. विपक्ष लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जल्द चर्चा की मांग पर अड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी से जवाब मांग रहा है. इधर बीजेपी विपक्षी नेताओं के मणिपुर दौरे पर सवाल उठा रही है. बीजेपी ने साफ किया है कि वहां हालात सामान्य हो रहे हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. विपक्ष जाना चाहे तो जाए लेकिन वहां की संवेदनशीलता का पूरा ध्यान रखा जाए.

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