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सिंधिया ने राहुल को सुनाई खरी-खरी, कहा- ये उनका प्यार नहीं, अहंकार है

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा जारी है. विपक्षी सांसदों के बाद अब सत्ताधारी बीजेपी के सांसदों ने जमकर पलटवार किया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा.

बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा सिंधिया ने कहा कि जो लोग मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं उनकी दुकान असल में अहंकार, तुष्टिकरण और झूठ की दुकान है. उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए दावा किया देश की जनता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन की सरकार बनाएगी.

‘इनकी नफरत की दुकान है’

कुछ साल पहले तक कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे सिंधिया ने कहा, ‘ये कहते हैं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलेंगे. इनकी दुकान तो नफरत की दुकान है, झूठ की दुकान है, तुष्टिकरण की दुकान है, अहंकार की दुकान है. ये केवल दुकान का नाम बदलते हैं, सामान वही है.’ उन्होंने कहा, ‘कोई महाभारत, रामायण की बात करता है, कोई राम और रावण की बात कर रहा है,कोई जनेऊ धारी है, ये मुखौटा नहीं चलेगा. हमारे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर प्रधानमंत्री मोदी बनाने जा रहे हैं.’

सिंधिया ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने खुद कहा है कि यह (इंडिया) मजबूरी का गठबंधन है. सिंधिया ने कहा कि जिस प्रजातंत्र के मंदिर से देश की 140 करोड़ जनता अपनी प्रेरणा लेती है, उस प्रजातंत्र के मंदिर में साफ हो गया है कि इन्हें (विपक्ष) न देश की चिंता है, न प्रधानमंत्री के पद की चिंता है, न राष्ट्रपति के पद की चिंता है, सिर्फ अपनी हैसियत की चिंता है.

‘1993 में इनके पीएम मौन क्यों थे’

सिंधिया ने कहा, ‘जो लोग मौनव्रत की बात करते हैं उनसे पूछना चाहते हैं कि 1993 में जब मणिपुर जल रहा था तब इनके तत्कालीन प्रधानमंत्री मौन क्यों थे.’ उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं है. जिस प्रधानमंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्यों को विश्व के साथ जोड़ा, जिनका उत्तर पूर्व के साथ दिल का रिश्ता है, जिसने उत्तर पूर्व से भारत के दुश्मनों को खदेड़ दिया हो, जिस प्रधानमंत्री के रोम-रोम में भारत माता बसती हों, जिसने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया हो. उसके लिए ऐसी बात.’

सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया,’भारत को अलग-अलग टुकड़ों में देखने की विचारधारा विपक्ष की है, हमारी नहीं.’

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