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केंद्र के खिलाफ विपक्ष ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव! I.N.D.I.A में बैठक के बीच में मणिपुर पर चर्चा

संसद के मानसून सत्र का आज चौथा दिन है। आज भी लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के आसार हैं। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा हुआ है। हालांकि, सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की शर्तें उसे मंजूर नहीं है। इन्हीं सबपर पर अपनी आगे की रणनीति के लिए भाजपा ने संसदीय दल तो विपक्ष ने I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक बुलाई।

मांग पर अड़े रहेंगे विपक्षी दल
एक ओर संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की भी बैठक हुई। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A) ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा की है। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक में फैसला लिया है कि वे दोनों सदनों में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग जारी रखेंगे।

कितनी सीटों पर बढ़ेगी भाजपा की चुनौती?
बता दें, भाजपा की लोकसभा में फिलहाल 301 सीटें हैं। जबकि कांग्रेस की 50 सीटें हैं। 2014 में भाजपा ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा की सहयोगी दलों को मिला लें तो ये आंकड़ा बढ़कर 336 हो गया था। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक और बड़ी जीत हासिल की। 2019 में भाजपा को 303 सीटों पर जीत मिली थी। एनडीए के खाते में कुल 352 सीटें आईं थीं। वहीं, यूपीए को केवल 91 सीटों से संतोष करना पड़ा था।

2019 में किसे कितनी सीटें मिली थीं?

एनडीए 352
भाजपा 303
शिवसेना 18
जेडी(यू) 16
एलजेपी 06
अपना दल 02
अकाली 02
एआईडीएमके 01
अन्य 04

यूपीए 91
कांग्रेस 52
डीएमके 23
एनसीपी 05
आईयूएमएल 03
जेकेएनसी 03
अन्य 05

अन्य 99
टीएमसी 22
वाईएसआरसीपी 22
बीजेडी 12
बीएसपी 10
टीआरएस 09
एसपी 05
निर्दलीय 03
अन्य 16

इस तरह से एनडीए के खाते में 352 सीटें आईं थीं, जबकि विपक्ष को 190 सीटें मिली थीं। अगर विपक्ष के 15 दल एकसाथ आ गए तो भाजपा की चुनौतियां करीब 100 सीटों पर बढ़ जाएंगी। ये वो सीटें हैं, जहां 2019 चुनाव में भाजपा ने कुछ सौ से लेकर 50 हजार वोटों तक से जीत हासिल की थी।

सरकार और विपक्ष मढ़ रही एक दूसरे पर आरोप
गौरतलब है, विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर लंबी चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसके लिए कई विपक्षी सांसदों ने स्थगन नोटिस दिया था। विपक्ष इस मुद्दे पर बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को बोलने की अनुमति के साथ बहस चाहता है। इसी को लेकर गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष पर इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाया है और इसके प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल उठाया है। विपक्ष ने भी सरकार पर पलटवार करते हुए बहस से भागने का इल्जाम लगाया है।

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