मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई. उखरुल के पुलिस अधीक्षक निंगशेम वाशुम ने स्क्रॉल को बताया कि यह घटना थवई कुकी गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई.
स्क्रॉल रिपोर्ट के मुताबिक वाशुम ने कहा, ‘यह एक अकारण और जानबूझकर किया गया हमला था…तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. हमें संदेह है कि घाटी की ओर से हथियारबंद बदमाशों ने पहाड़ियों में घुसपैठ की और उन पर हमला किया. मृतक स्वयंसेवक थे जो गांव की रखवाली कर रहे थे.’
बता दें थवई कुकी कामजोंग रेवेन्यू जिले के अंतर्गत आता है, लेकिन यह उखरुल जिले के पुलिस क्षेत्राधिकार में आता है. यह गांव नागा-बहुल उखरुल जिले और मैतेई-बहुल इंफाल पूर्वी जिले के बीच की सीमा पर स्थित है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अधिकारी मरने वालों के नामों की पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं.
राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत
हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं. राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है. हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं. राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी.
विपक्षी दलों के निशाने पर केंद्र और राज्य सरकार
विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार पर हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि मणिपुर में जहां हिंसा की लहर देखी गई, वहीं पिछले कुछ दिनों में शांति की खबरें भी आई हैं. उन्होंने कहा था, ”देश मणिपुर के लोगों के साथ है.” उन्होंने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार राज्य की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम कर रही हैं.