बीते 31 जुलाई से हरियाणा (Haryana) सुलग रहा है. दंगाई खुलेआम उत्पात मचा रहे हैं. अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों गाड़ियां और दुकानें फूंक दी गई हैं. मेवात (Mewat) से गुरुग्राम (Gurugram) तक हरियाणा (Haryana) के बड़े शहर दंगाइयों के हाथों में बंधक बन चुके हैं. लेकिन हरियाणा सरकार और उसके मुख्यमंत्री हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. और जब मीडिया ने सरकार की नाकामी पर सवाल उठाया तो हरियाणा के मुख्यमंत्री बौखला गए. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. लेकिन मीडिया पर ठीकरा फोड़ने वाले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (ML Khattar) खुद एक्सपोज हो गए हैं. जलते हरियाणा को बचाना तो दूर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हर व्यक्ति की सुरक्षा ना पुलिस कर सकती है, ना आर्मी कर सकती है, ना आप और हम कर सकते हैं.
क्यों भड़क गए सीएम खट्टर?
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल है कि आपके राज्य में हिंसा भड़क गई, लोगों को जान गंवानी पड़ी और आप कह रहे हैं कि सुरक्षा नहीं दे सकते. संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री पद पर बैठे मनोहर लाल खट्टर को ये कहते हुए जरा भी शर्म नहीं आई कि उनकी सरकार और पुलिस हर किसी को सुरक्षा नहीं दे सकती? 31 जुलाई को नूंह 6 घंटे तक हिंसा की आग में झुलसता रहा, नूंह के बाद, सोहना, गुरुग्राम, पलवल, रेवाड़ी में भी हिंसा भड़की. तनाव अभी भी कम नहीं हुआ है और सरकार के मुखिया कहते हैं हम सुरक्षा नहीं दे सकते.
हरियाणा के मुख्यमंत्री से सवाल
ऐसे में सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री का ये बयान दंगाइयों का मनोबल बढ़ाने वाला नहीं है? क्या मुख्यमंत्री का बयान हिंसा भड़काने वालों के समर्थन में नहीं है? क्या हरियाणा में सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है? क्या मनोहर लाल के लिए जनता सिर्फ वोट बैंक है? क्या जनता का वोट लेकर सत्ता में बैठने के बाद मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है?
मीडिया पर भड़के सीएम खट्टर
हिंसा की आग में झुलस रहे राज्य का मुख्यमंत्री जब अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए बहाना बनाने लगे तो उस राज्य का भगवान ही भला कर सकता है. हैरानी ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जनता को सुरक्षा नहीं दे सकते लेकिन मीडिया पर सवाल उठा सकते हैं और भड़क सकते हैं. मनोहर लाल ने पहले सबको सुरक्षा देने में बेबसी दिखाई और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. मगर जब बयान पर बवाल मचा तो उनकी पूरी सरकार और पूरा तंत्र सफाई देने में जुट गया. हरियाणा का पूरा सिस्टम फैक्ट चेक के नाम पर दावा करने लगा कि मुख्यमंत्री की बात को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया है.
सीएम खट्टर ने कही थी ये बात
सीएम खट्टर ने कहा था कि अरे सुरक्षा सद्भाव दोनों बाते हैं. सुरक्षा में सद्भाव में से ही सुरक्षा निकलती है. अगर सद्भाव नहीं हुआ और एक दूसरे के खिलाफ अगर गन तान के खड़े हो गए तो सुरक्षा देखिए समाज आपस में जब तक सद्भाव नहीं होता तब तक सुरक्षा को चैलेंज रहता है और आप ये मानिए हर व्यक्ति की सुरक्षा ना पुलिस कर सकती है, ना आर्मी कर सकती है, ना आप और हम कर सकते. सुरक्षा के लिए भी एक वातावरण बनाना पड़ता है और वातावरण समाज में सामंजस्य सद्भाव इसके लिए पहले प्रयत्न करना पड़ता है. उसके लिए पीस कमेटी बनी हैं उसके लिए एडमिनिस्ट्रेशन के लोग लगे हैं. हां मौके पर तनाव ना बढ़े इसके लिए फोर्स पूरी रखनी पड़ती है. उन्होंने फ्लैग मार्च भी किया है.
उन्होंने आगे कहा कि जो ऐसे गलत भावना रखकर के कोई लोग इस प्रकार का मानस बनाए बैठे हैं उनके मन में एक भय बिठाना पड़ता है लेकिन ये तात्कालिक विषय होते हैं, करंट इश्यूज होते हैं. करंट विषय में करने के बाद आखिर में तो सामाजिक सद्भाव बनाकर के तभी लोगों का रहन सहन ठीक हो सकता है. आप कहीं भी चले जाइए, दुनिया में किसी भी देश में चले जाइए हर व्यक्ति की सुरक्षा पुलिस के द्वारा करना संभव नहीं होता है. हमारी 130 करोड़ आबादी है, हरियाणा की लगा लें तो 2 करोड़ 70 लाख आबादी है अब 2 करोड़ 70 या 80 लाख आबादी हमारी पुलिस कितनी है? 60 हजार, 50 हजार तो इसलिए ये वातावरण बनाना पड़ता है हम वातावरण बनाएंगे अपील बार-बार करेंगे. हां उसमें से एक सीमा कोई लांघेगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
सीएम खट्टर ने कहा था कि अरे भई कार्रवाई करने का जो विषय होता है वो बताकर करना जरूरी थोड़े ही होता है, ये अलग-अलग हर किसी का होता है कोई बताएगा और कोई करेगा. आप धीरे-धीरे चीजें देखेंगे आपके सामने आएंगी कल क्या होगा? चीजें प्रोसेस में हैं. प्रोसेस हमेशा कल्प्रिट जो है, दोषी जो है उसको सबक सिखाने के लिए जो करना होता है वो करेंगे लेकिन हम किसी निर्दोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.