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भारत का चंद्रयान-3 तमाम जटिलताओं पर विजय प्राप्त करते हुए सफलतापूर्वक चांद की सतह पर पहुंच गया. 40 दिन का सफर पूरा कर चंद्रयान-3 जब चांद पर पहुंचा तो पूरा देश इस गौरवपूर्ण पल पर खुशी से झूम उठा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को बधाई देते हुए इस ऐतिहासिक क्षण की पूरे देश को शुभकामनाएं दी. चंद्रयान-3 की ‘ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस’ शुरू होते ही पूरी दुनिया की नजर इस ऐतिहासिक पल पर थी.

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुरू होने वाली 40 दिनों की यात्रा के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान -3 मिशन अब पूरा हो चुका है. विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की.

चंद्रयान-3 मिशन 2019 के चंद्रयान-2 मिशन का फॉलो अप है, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस मिशन के सफल होते ही भारत उन देशों के एक छोटे और विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब रहे हैं. अब तक इस क्लब के तीन सदस्य- संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही थी. अब भारत ने भी इस क्लब में धमाकेदार एंट्री कर ली है.

चंद्रयान-3 मिशन शुरु से लेकर अंत तक (Chandrayaan-3 Mission Timeline)

1.घोषणा और तैयारी

6 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा के सेकेंडरी पैड से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की तारीख 14 जुलाई बताई.

7 जुलाई 2023: वाहन विद्युत मूल्यांकन का सफलतापूर्वक समापन.

11 जुलाई 2023: प्रक्षेपण प्रक्रिया का अनुकरण करते हुए 24 घंटे का प्रक्षेपण रिहर्सल.

2.प्रक्षेपण और प्रारंभिक कक्षाएं

14 जुलाई 2023: चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान एलवीएम3 एम4 वाहन के साथ निर्धारित कक्षा में पहुंच कर प्रक्षेपित हुआ.

15 जुलाई 2023: कक्षा को 41,762 किमी x 173 किमी तक बढ़ाने का पहला प्रयास.

17 जुलाई 2023: 41,603 किमी x 226 किमी तक दूसरा अभ्यास.

22 जुलाई 2023: 71,351 किमी x 233 किमी तक तीसरा maneuver.

25 जुलाई 2023: अतिरिक्त कक्षा की ओर maneuver.

3.चांद की कक्षा में चंद्रयान-3

1 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 को ट्रांसलूनर कक्षा (288 किमी x 369,328 किमी) में स्थापित किया गया.

5 अगस्त 2023: चंद्र कक्षा 164 किमी x 18,074 किमी पर हासिल की गई.

4. ऑरबिट अड्जेस्टमेंट:

6 अगस्त 2023: चंद्र कक्षा को 170 किमी x 4,313 किमी पर समायोजित किया गया.

9 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 के प्रक्षेपवक्र को 174 किमी x 1,437 किमी की चंद्र कक्षा को बनाए रखने के लिए समायोजित किया गया.

14 अगस्त 2023: कक्षा को 150 किमी x 177 किमी पर समायोजित किया गया.

20 अगस्त 2023: कक्षा 134 किमी x 25 किमी पर स्थापित की गई, जो सबसे दूर और निकटतम चंद्र बिंदुओं का प्रतिनिधित्व करती है.

5.अंतिम चंद्र कक्षा और लैंडिंग की तैयारी

17 अगस्त 2023: लैंडिंग मॉड्यूल (विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर) को प्रणोदन प्रणाली से अलग करना.

18 अगस्त 2023: “डीबूस्टिंग” ऑपरेशन ने लैंडिंग मॉड्यूल की कक्षा को 113 किमी x 157 किमी तक कम कर दिया.

20 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 की कक्षा को 134 किमी x 25 किमी पर समायोजित किया गया.

6.टचडाउन स्टेप

23 अगस्त, 2023: शाम 5:47 बजे IST पर मून लैंडिंग, 6:04 बजे IST पर चंद्रयान-3 ने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की.

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