उत्तर प्रदेशराज्य

BJP में कटेंगे 30 % सांसद, पहले दौर के सर्वे में सामने आई सांसदों की जमीनी हकीकत

लोकसभा चुनाव-2024 में मिशन 80 को पूरा करने के लिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व राज्य में पार्टी के 20 से 30 फीसदी मौजूदा सांसदों को बदल सकता है. मोदी सरकार 2.0 के नौ साल पूरे होने पर चलाए जा रहे जनसंपर्क अभियान और पार्टी की ओर से कराए जा रहे सर्वे में सांसदों की जमीनी हकीकत सामने आने लगी है.

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ा. भाजपा ने जिन 78 सीटों पर चुनाव लड़ा उनमें से 62 सीटें जीतीं, जबकि अपना दल ने दो सीटें जीतीं। कांग्रेस ने एक, बसपा ने दस और सपा ने पांच सीटें जीती थीं। पिछले साल हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने रामपुर और आज़मगढ़ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है. फिलहाल राज्य में बीजेपी गठबंधन के पास 66 सीटें हैं.

बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. भाजपा ने कभी भी मैनपुरी और रायबरेली सीट पर चुनाव नहीं जीता है। आगामी लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए बीजेपी को यूपी में 2019 से भी बड़ी जीत जरूरी है. इसलिए हर सीट पर चुनाव पार्टी के लिए अहम है. पार्टी लोकसभा चुनाव में हर सीट पर सोच-विचार कर उम्मीदवार उतारेगी. पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे में मौजूदा सांसदों की छवि के साथ जनता में उनकी पकड़ का भी आकलन किया जा रहा है. इसके साथ ही संभावित नये उम्मीदवारों की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है. पार्टी द्वारा चलाये जा रहे जनसंपर्क अभियान में भी पार्टी सांसदों की जनता के बीच पकड़ और क्षेत्र में सक्रियता सामने आ रही है. एक दर्जन से अधिक लोकसभा क्षेत्रों में अभियान के तहत आयोजित रैलियों में दो से पांच हजार लोग भी नहीं जुटे.

पार्टी पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में 30 फीसदी तक उम्मीदवार बदले जायेंगे. इनमें मौजूदा सांसद और हारी हुई सीटों के उम्मीदवार शामिल हैं। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में सुभासपा से संभावित गठबंधन के तहत भी एक से दो सीटों पर उम्मीदवार बदलने पड़ेंगे. वहीं, अगर अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को गठबंधन में एक या दो सीटें ज्यादा मिलती हैं तो भी पार्टी के उम्मीदवार ही बदल दिए जाएंगे. वहीं 75 साल से अधिक उम्र होने के कारण कुछ सांसदों के टिकट कट सकते हैं. वहीं, योगी सरकार के कुछ मंत्रियों और पार्टी के विधायकों को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है.

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