राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मणिपुर में शांति कायम करने का रास्ता बताया है। सिब्बल ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करना और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना है। गौरतलब है कि तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई लोग घायल हुए हैं। तीन मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की स्थिति की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता: बीरेन सिंह को बर्खास्त करना; धारा 356 लागू करना; हमारे देश की महिलाओं से माफी मांगना। सिब्बल ने कहा, निर्भया के बाद से कुछ भी नहीं बदला है। उन्नाव, हाथरस, कठुआ, बिलकिस (दोषियों की रिहाई)। बेटी बचाओ पीएम जी!
बता दें कि अनुच्छेद 356 के अनुसार, किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन तब लगाया जा सकता है जब ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाए कि राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सके। मणिपुर में चार मई का एक वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार को तनाव और बढ़ गया, जिसमें एक संघर्षरत समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के पुरुषों के एक समूह द्वारा नग्न घुमाते हुए दिखाया गया है।
यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने हाल ही में गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ बनाया है, जिसका उद्देश्य अन्याय से लड़ना है।