हरियाणा में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान सोहना में बजरंग दल के नेता प्रदीप शर्मा पर हमला कर उनकी हत्या करने के आरोप में आप नेता जावेद अहमद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जावेद अहमद पर FIR किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने इस भाजपा की साजिश करार दिया है.
आम आदमी पार्टी ने कहा कि भाजपा को हरियाणा के लोग पूरी तरह नकार चुके हैं. इसलिए भाजपा अब दंगों का षड़यंत्र रच कर समाज को बांटने का काम कर रही है. बीजेपी खुद ही दंगे करवाती है और दूसरी पार्टी के नेताओं पर झूठी एफआईआर कराती है. जावेद अहमद के खिलाफ झूठी FIR दर्ज की गई है.
जिस समय ये घटना हुई उस समय जावेद अहमद उस जगह से 100 से ज्यादा किलोमीटर दूर मौजूद थे. मोबाइल लोकेशन और वीडियो फुटेज उपलब्ध है. ये सभी सबूत पुलिस को दे दिया गया है. हमें जांच से कोई परहेज नहीं, पुलिस अपनी जांच पूरी करे. लेकिन जांच हो तो इस बात की भी हो कि दंगे के समय नूंह से सैकड़ों पुलिसकर्मी बाहर क्यों भेजे गये? पुलिस अधीक्षक छुट्टी पर क्यों भेजे गये?
आप नेता अनुराग ढांढा ने कहा कि CID ने 10 दिन पहले दंगों की इन्फॉर्मेशन मुख्यमंत्री को दी थी. गृहमंत्री ने कहा था कि CID ने उन्हें और पुलिस को जानकारी नहीं दी. आखिर मुख्यमंत्री इस जानकारी को छुपा कर क्यों बैठे थे. क्या मुख्यमंत्री का इस दंगे को करवाने में हाथ है? इसकी जांच जरूर होनी चाहिए.
पुलिस ने शनिवार को बताया कि घटना के दो दिन बाद बुधवार को शर्मा की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. प्राथमिकी बजरंग दल के कार्यकर्ता पवन कुमार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जो 31 जुलाई को सोहना में हमले के समय शर्मा के साथ कार में थे.
कुमार ने दावा किया कि जब वे नूंह से लौट रहे थे तो जावेद ने रात करीब साढ़े दस बजे उनके वाहन को जबरन रोका. कुमार ने अपनी शिकायत में दावा किया, “जावेद के कहने पर करीब 25 से 30 लोगों ने हम पर हमला कर दिया. शर्मा के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया और वह गिर गए. गोली चलाने की आवाज भी सुनी गईं. पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया.”
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के. रामचंद्रन ने कहा, “नूंह में हाल की घटना के बाद गुरुग्राम में हुई आगजनी और तोड़फोड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर गुरुग्राम पुलिस ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित और दृढ़ कार्रवाई की है.’ उन्होंने कहा कि गुरुग्राम पुलिस ने कानून और सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई की है जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार करना और हिरासत में लेना शामिल है.