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मणिपुर में सुरक्षाबलों ने तेज किए ऑपरेशन, उग्रवादियों के बंकर तबाह

पिछले 3 महीने से जातीय हिंसा की मार झेल रहे मणिपुर में अब हालात धीरे-धीरे शांत होते जा रहे हैं. इसी बीच उग्रवादियों पर नकेल कसने के लिए अब सुरक्षाबलों ने भी अपना अभियान तेज कर दिया है. राज्य में पुलिस से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद को बरामद करने का सिलसिला जारी है. अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त बलों ने बुधवार को आठ अत्याधुनिक हथियार, 112 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए.

बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद

राजधानी इंफाल में पुलिस ने कहा कि बिष्णुपुर और इंफाल पश्चिम जिलों (Manipur Violence Latest News) से 8 अत्याधुनिक हथियार, 112 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए हैं. यही नहीं, सुरक्षा बलों ने म्यांमार से सटे तेंगनौपाल जिले में हमलावरों की ओर से बनाए गए 6 अवैध बंकरों पर भी बुलडोजर चलाया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस बंकरों का इस्तेमाल दूसरे जातीय समूह पर हमले के लिए किया जा रहा था.

हमलावरों की ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के अलग-अलग जिलों (Manipur Violence Latest News) में हमलावरों की ओर से रुक-रुक कर गोलीबारी की भी खबर है, लेकिन किसी के हताहत होने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नारकोटिक्स और सीमा मामलों के विंग के कर्मियों ने इंफाल पूर्वी जिले में कुछ दवाएं जब्त कीं हैं. इसके साथ ही स्मगलिंग में लगे कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. पकड़े गए सभी लोग मणिपुर और असम के रहने वाले हैं.

आखिर क्यों भिड़े हुए हैं दोनों समुदाय?

बताते चलें कि राज्य में मैतेई समुदाय (Manipur Violence Latest News) ने आदिवासी दर्जे की मांग की थी. इसके खिलाफ पहाड़ियों में रहने वाले कुकी समुदाय ने 3 मई को रैली निकाली थी, जिसके बाद हिंसक भीड़ ने पहाड़ों में बसे मैतेई लोगों पर हमला बोल दिया. इस हिंसा में दर्जनों घर जला दिए गए और कई लोगों को मार दिया गया. इससे भड़के मैतेई समुदाय के लोगों ने बदले में कुकी समुदाय के लोगों पर हमले करने शुरू किए. हालात संभालने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में 60 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर रखा है. का इस मोदी सरकार में जमकर दुरुपयोग हो रहा है. वहीं संजय राउत ने यह भी कहा, ‘एनसीपी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने उन्हें बताया है कि केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (ED) तय करती है कि कौन किस पार्टी में जाएगा? कौन मंत्री बनेगा यह भी ईडी तय करती है. यह पवार साहब का बहुत गंभीर बयान है.’

एकनाश शिंदे गुट पर हमला

अपने हालिया बयान में संजय राउत ने पार्टी छोड़कर अलग गुट बनाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘शिवसेना को छोड़कर कुछ लोग चले गए और बाला ठाकरे जी का फोटो यूज करते हैं. अगर आप हमारे विचारों से ताल्लुक नहीं रखते हैं, और पीठ में खंजर खोंपा है तो फिर हमारा नाम और सिंबल क्यों यूज करते हैं.’

महाराष्ट्र में सियासी संकट

महाराष्ट्र की राजनीति पिछले विधानसभा चुनावों से लगातार करवटें बदल रही है. यहां परंपरागत रूप से बेमेल गठबंधन हुए. गठबंधन की सरकारें बनीं. राजनीतिक दलों में दो फाड़ हुए. पहले शिवसेना में टूट हुई फिर एनसीपी में खुलकर वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिली. ऐसे में कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी सभी एक सुर में बीजेपी पर लगातार गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार को लेकर भी राज्य की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है. क्या शरद पवार महाविकास अघाड़ी को बाय-बाय कहने वाले हैं? क्या वो बीजेपी में जाने वाले हैं? चाचा-भतीजे के बीच आखिर क्या खिचड़ी पक रही है? इसे लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन ही नहीं मानो BJP भी टेंशन में है. वहीं दूसरी ओर पार्टी में दो फाड़ के बाद शरद पवार आज बीड जिले से अपनी ताकत दिखा रहे हैं. जहां उनकी अगुवाई में एक बड़ा कार्यक्रम हो रहा है.

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