देश

COVID 19, 22% लोग Corona से कई बार संक्रमित, 20% लोगों की स्थिति हुई गंभीर; रिपोर्ट ने चौंकाया

कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है. भारत की बात करें तो लोग लगातार इसकी चपेट में आ रहे हैं. इस बीच ‘लोकल सर्किल’ के एक सर्वे में कोविड संक्रमण को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस सर्वेक्षण में शामिल हुए 63% भारतीयों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. वहीं 22% लोगों को कोरोना ने बार-बार अपना शिकार बनाया. तो 20% लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह से उनकी हालत गंभीर हो गई थी.

गंभीर रूप से बीमार होने से बचाव के लिए क्या करें?

इस सर्वे में जिन लोगों में कोविड संक्रमण की पुष्टि हुई, उनमें से 93% को कोरोना का यह संक्रमण 2022 में हुआ था. जबकि 46% पीड़ितों को इसने 2023 में अपना शिकार बनाया. सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चलता है कि आधिकारिक डेटा प्रमुख रूप से मामलों को कम रिपोर्ट कर रहा है क्योंकि बहुत से लोग लक्षण होने के बावजूद आरटी-पीसीआर परीक्षण से बचते हैं. जब कोरोना का खतरा टला नहीं है तब 25% लोगों को बार-बार होने वाले संक्रमण से बचने और संक्रमण के बाद गंभीर रूप से बीमार होने से बचने के लिए आज भी मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी जैसे प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है.

कोरोना का ‘पिरोला’ वेरिएंट

वैश्विक स्तर पर नए कोविड वैरिएंट BA.2.86 की पहचान हुई है. जिसका उपनाम पिरोला (Pirola) है. नया वेरिएंट अमेरिका (USA), ब्रिटेन (Britain) और चीन (China) समेतकई देशों में फैल चुका है. जिससे ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं. नए वेरिएंट का आना इस बात की याद दिलाता है कि जब हमारे आसपास के लोग अस्वस्थ हों तो हमें फौरन कोरोना की पहले वाली सभी गाइडलाइंस का ​​​​पालन शुरू कर देना चाहिए.

नई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुईं

आपको कोरोना होने की पुष्टि एक बार हुई हो या कई बार संक्रमित होकर ठीक होने के बाद आगे भी संक्रमण का खतरा बना रहता है. इस सर्वे में शामिल हुए अधिकांश संक्रमित लोगों के कोविड से ठीक होने के बावजूद, अभी भी ऐसे कई लोग हैं जो पूरी तरह से स्वस्थ्य यानी फिजिकली फिट नहीं हुए हैं या फिर उन लोगों में नई स्वास्थ्य समस्याएं (बीमारी) पैदा हो गई हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद कई लोगों के शरीर के विभिन्न अंगों पर लंबे समय तक यानी दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिले. ऐसे लोगों में रक्तचाप (बीपी), मधुमेह (सुगर), स्लीप एपनिया, लिवर सिरोसिस जैसे नए स्वास्थ् खतरों का शिकार होना पड़ा.
डॉक्टरों ने बताया कि इन बीमारियों के उभरते लक्षण इस बात की ओर इशारा करते हैं कि कोविड कुछ लोगों में ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर को ट्रिगर कर सकता है.

एक्सपर्ट ने जताई चिंता

भले ही व्यापक स्तर पर हमें अब कोविड संक्रमण या इस इनफेक्शन से बार-बार संक्रमण होने का डर ना हो, लेकिन कुछ प्रतिरक्षाविज्ञानी जो सवाल उठा रहे हैं वह ये है कि कहीं बार-बार होने वाला कोरोना हमारी टी-कोशिकाओं को खत्म करने के साथ अन्य वायरल बीमारियों से लड़ने के लिए हमारी प्रतिरक्षा को कम तो नहीं कर देगा.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}