सुजुकी मोटर कॉर्प ने हाल ही में फ्लाइंग कार बनाने के लिए स्काईड्राइव के साथ अपने सहयोग की घोषणा की थी। सुजुकी का कहना है कि कार का निर्माण मध्य जापान में सुजुकी समूह के कारखाने में किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 2024 के वसंत में इस तरह की कारों का उत्पादन शुरू करना है। बता दें कि भारत में सितंबर 2021 में चेन्नई स्थित एक स्टार्टअप विनाटा एयरोमोबिलिटी ने हाइब्रिड फ्लाइंग कार का कॉन्सेप्ट मॉडल पेश किया था।
आइए जानते हैं अभी क्यों चर्चा में है फ्लाइंग कार? आखिर क्या है फ्लाइंग कार? इसके फायदे क्या होते हैं? क्या पहले भी इस तरह की कार आई है? भारत में फ्लाइंग कारों से हम कब सफर कर पाएंगे?
अभी क्यों चर्चा में है फ्लाइंग कार?
सुजुकी ने कहा कि वह 2024 के वसंत के आसपास जापानी स्टार्ट-अप स्काईड्राइव के साथ संयुक्त रूप से फ्लाइंग कारों का उत्पादन शुरू करने पर सहमत हुई है। ऑटो क्षेत्र की दिग्गज की मानें तो इसका मकसद बढ़ते उद्योग में नेतृत्व करना है।
स्काईड्राइव एक पूर्ण स्वामित्व वाली उत्पादन सहायक कंपनी स्थापित करेगी, जो शिजुओका प्रीफेक्चर में सुजुकी समूह के संयंत्र का उपयोग करके वाहनों को असेंबल करेगी। वहीं, सुजुकी अधिग्रहण सहित विनिर्माण की तैयारी के विभिन्न पहलुओं में मदद करेगी।
इससे पहले स्काईड्राइव ने पेरिस एयरशो में अपने वाहन के डिजाइन को बदलने की योजना को सार्वजनिक किया था। इसने दो के बजाय तीन लोगों को ले जाने वाली कार का डिजाइन तैयार करने की जानकारी दी थी। नया डिजाइन, जिसकी कुल लंबाई लगभग 13 मीटर और ऊंचाई 3 मीटर है, अधिकतम उड़ान सीमा को मौजूदा 10 किमी से लगभग 15 किलोमीटर तक बढ़ा देगा।
क्या है फ्लाइंग कार?
फ्लाइंग कार को इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) विमान के रूप में जाना जाता है। फ्लाइंग कारें एक प्रकार के विमान हैं जो कई रोटरों का उपयोग करके ऊंचाई में उड़ान भरने और उतरने की क्षमता रखते हैं। वाहन आम तौर पर कम संख्या में लोगों को ले जाने के लिए होते हैं, कुछ मॉडल जमीन पर उपयोग के लिए भी बनाए जाते हैं।
स्काईड्राइव के अनुसार, हल्के वजन वाले ईवीटीओएल विमान शहर में लगभग कहीं भी स्थित हवाई अड्डों पर उतर सकते हैं। यात्री के अनुरोध पर, खुद उड़ने वाली कार यात्री के साथ उड़ान भरेगी और उसको आराम से सीधे उसके गंतव्य तक ले जाएगी। इससे ट्रैफिक जाम, सड़क के काम के कारण होने वाली देरी और ट्रेन या बस में यात्रा से छुटकारा मिल जाएगा।
फ्लाइंग कार के फायदे क्या हैं?
उड़ने वाली कारें शून्य उत्सर्जन के साथ शोर मुक्त होती हैं।
क्योंकि रनवे की आवश्यकता नहीं है, न्यूनतम स्थान और कम बुनियादी ढांचे की लागत के कारण कार शहर में कहीं भी उतर सकती हैं।
सीधी उड़ानों के कारण यातायात सिग्नल और भीड़भाड़ के बिना सफर हो सकता है।
वाहन में अपना गंतव्य दर्ज करें और आपको वहां ले जाया जाएगा जहां आप जाना चाहते हैं।
क्या पहले भी इस तरह की कार आई है?
फ्लाइंग कारें सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक हैं। टोयोटा और जापान एयरलाइंस जैसी कंपनियां विकास क्षमताओं वाले स्टार्ट-अप के माध्यम से बाजार में प्रवेश कर रही हैं। 2018 में स्थापित स्काईड्राइव ने 2020 में उड़ने वाली कारों का पहला परीक्षण शुरू किया था। SD-03 पहली सिंगल-सीटर फ्लाइंग कार थी, जिसने 2020 में अपनी सार्वजनिक शुरुआत की। बाद में 2022 में कंपनी ने SD-05 के स्केच जारी किए और इस पर काम कर रही है। ओसाका, जापान में 2025 वर्ल्ड एक्सपो में अपना प्रोडक्टिनॉन-स्पेक मॉडल पेश करेगी।
भारत में फ्लाइंग कारों से हम कब सफर कर पाएंगे?
सितंबर 2021 में चेन्नई स्थित एक स्टार्टअप ने हाइब्रिड फ्लाइंग कार का कॉन्सेप्ट मॉडल पेश किया था। फ्लाइंग कार के मॉडल का अवलोकन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि उन्हें इस कॉन्सेप्ट मॉडल से परिचित होने पर खुशी है जो जल्द ही एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार बन जाएगी। सिंधिया की मानें तो एक बार जब यह उड़ान भरेगी, तो इन कारों का उपयोग लोगों और माल के परिवहन के साथ-साथ चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
हाइब्रिड कार मॉडल, विनाटा एयरोमोबिलिटी द्वारा विकसित किया गया था। इस कार में आठ रोटर और जैव ईंधन और बैटरी पर चलने वाली एक हाइब्रिड मोटर होगी। 250 किलो की भार क्षमता के साथ अनुमानित वजन 900 किलो है, जो 60 मिनट के लिए 120 किमी/घंटा की गति से यात्रा करता है।
विनाटा एयरोमोबिलिटी के सीईओ योगेश अय्यर के मुताबिक, ‘वाहन दो सीटों वाला होगा और वीटीओएल (वर्टीशियल टेकऑफ और लैंडिंग) क्षमता के साथ जैव ईंधन पर चलेगा। आप इसे कहीं भी उतार सकते हैं और टेक-ऑफ कर सकते हैं। 2023 तक इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा।’